Panchtantra Ke Lekhak Kaun Hai
पंचतंत्र के लेखक विष्णु शर्मा थे। वे एक भारतीय विद्वान थे और उन्हें संस्कृत साहित्य के महान लेखकों में से एक माना जाता है। पंचतंत्र को पशु दंतकथाओं का एक प्राचीन संग्रह माना जाता है, और इसे मूल रूप से संस्कृत भाषा में लिखा गया था। इसे 200 ईसा पूर्व के आसपास लिखा गया था और यह सबसे पुराने जीवित ग्रंथों में से एक है।
पंचतंत्र का अन्य भाषाओं जैसे फारसी, सीरियाई और अरबी भाषाओं में अनुवाद किया गया था। यह दुनिया के कई हिस्सों में लोकप्रिय हुआ, और इसका कई भाषाओं में अनुवाद किया गया है।
पंचतंत्र में पांच तन्त्र या विभाग हैं। ये तन्त्र हैं-
मित्रभेद
मित्रसम्प्राप्ति (मित्रलाभ)
काकोलूकीयम् (सन्धि-विग्रह)
लब्धप्रणाश
अपरीक्षितकारक
पंचतंत्र को नीतिक शिक्षा प्रदान करने के लिए लिखा गया था। कहानियों में, जानवर अक्सर मानवीय गुणों और कमजोरियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। कहानियों का उद्देश्य पाठकों को बुद्धिमान और नैतिक निर्णय लेने में मदद करना है।
पंचतंत्र एक महत्वपूर्ण साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्य है। यह आज भी दुनिया भर में पढ़ा जाता है और इसका आनंद लिया जाता है।